प्रकृति संग बंधन
धरती का आँचल लहराता है, पुष्पों की सुगंध से मन खिल जाता है, वर्षा की बूंदों से धरती गीली होती है, धरातल हरियाली से भर जाता है, अम्बर नीला चिड़ियों…
धरती का आँचल लहराता है, पुष्पों की सुगंध से मन खिल जाता है, वर्षा की बूंदों से धरती गीली होती है, धरातल हरियाली से भर जाता है, अम्बर नीला चिड़ियों…
सब कुछ खुल जाने से बहुत कुछ साफ साफ दिखता है फिर वह बातें हों या मुलायम सतह गहरी हैं गुत्थियों की घाटियाँ और दो आंखें है एक मे सुख…