धरती का आँचल लहराता है, पुष्पों की सुगंध से मन खिल जाता है, वर्षा की बूंदों से...
POETRY OCEAN
सब कुछ खुल जाने से बहुत कुछ साफ साफ दिखता है फिर वह बातें हों या मुलायम...
गर्मी भर ढोता रहा रोज़ ईटें पसीने को बेचता रहा जो घर परिवार से दूर वही था...
कभी एक कैनवस से दूसरे कैनवस की यात्रा बहुत लंबी होती है अनुभव के रंग और अनुभूति...
नयनो का दर्पण राज़ को राज़ रहने दे तब न बोल ही देता सच सच के अन्दर...
कल की गलतियां, आज की सांसे रोकती है, आज की गलतियां, आने वाले कल की, कल और...
बहुत सारे किस्से हैं, बहुत सारे फसाने हैं, कुछ तुमसे सुनने हैं, कुछ तुमको सुनाने हैं, कुछ...
अब खिड़की के बाहर अलग मौसम है और खिड़की के अंदर अलग सांसे है और दृष्य भी...
कभी कभी बस नींद नहीं आती बातें काटती रहती हैं, रातें बांटती रहती हैं, उस दर्दभरी लम्हातों...
हम खामोश हैं पर फिर भी चीख है, सूरज की तपती धूप में अंधेरों की पीड़ है।।...