रात भर सर्दी ने सांसे लीं, सुबह कोहरा गुनगुनाता रहा, जंगलों और घरों का धुंधला गया दृष्य,...
POETRY OCEAN
Thank you God you make me a human being, I will care of it and this I...
मन की देहरी से शुरू होती है, वह बैच पर भी हो सकती है, सड़क मे छाये...
हर तरह के लेख लिखती लेखनी। भिन्न-भिन्न से अनुभव करती लेखनी।। मन के हर सुख-दुख के भेद...
बर्फ से घिरे ठिठुरते गाँव मे पूछो, आग का अर्थ पेड़ों से टपक रही है बूंदें, सुबह...
सर्दी की धूप और कोहरे छन कर आता गीत आज की सपनीली झील बोलता हुआ जंगल सर्दी...
जी रही है नदी उसने देखे हैं प्रवाह रोक दिये जाने का दर्द खेतों मे बहा देने...
लगातार टकराते हुए लोहे की दीवार पर करते हुए चोट चलते ही रहे बोलते हुए।। आवाज़ उठी...
रास्ते बहुत सरल हो जाते हैजब हम खड़े हो जाते है औरतान लेते है मन की मुट्ठियाँहमारे...
डाल_डाल हर पात_पात, फूल_फूल हर बाग_बाग मैं जाती हूँ _ इठलाती हूँ, मैं सबके मन को भाती...