मौसम खिड़की पर

अब खिड़की के बाहर अलग मौसम है और खिड़की के अंदर अलग सांसे है और दृष्य भी आनन्द भी और दुख भी खिलखिलाते प्रहर रोशनी और रंग भी बाहर आकाश…