नींव

गर्मी भर ढोता रहा रोज़ ईटें पसीने को बेचता रहा जो घर परिवार से दूर वही था जो रोज़ मांगने आता है पानी वह जो बन रहा है मकान उसमे…

कैनवस

कभी एक कैनवस से दूसरे कैनवस की यात्रा बहुत लंबी होती है अनुभव के रंग और अनुभूति का मूर्त अमूर्त रुप उभर कर आंखों के रस्ते समय की आंखों मे…

कोहरे मे घर

रात भर सर्दी ने सांसे लीं, सुबह कोहरा गुनगुनाता रहा, जंगलों और घरों का धुंधला गया दृष्य, ठंडी उंगलियाँ एक दूसरे से उलझी, और मुंह से निकलती रही भाप ऐसे…

Thank You God

Thank you God you make me a human being, I will care of it and this I really mean. I will always be your pride, And you will say you…