
सर्दी की धूप
और कोहरे छन कर आता गीत
आज की सपनीली झील
बोलता हुआ जंगल
सर्दी की धूप और
पहाड़ की सबसे ऊंची आवाज़
चढ़ाई पर छोटी से चाय की दुकान
सर्द हवाओं के बीच
एक चेहरा अमूर्त
सहलते हुए
हुई जो कविता
सर्दी मे
सूरज बन गयी है
कहाँ हो तुम
और मै भी
कोहरे मे
डा अतुल शर्मा